Protests erupt outside Kasba Police station as 3 arrested in alleged Kolkata college gang rape
गत 22 जुलाई शनिवार को एक 10 साल की बच्ची की मौत के बाद उसके मृत्यु प्रमाण पत्र पर डेंगू का उल्लेख होने के बाद जब मीडिया में खबर आई तब राज्य के स्वास्थ्य निदेशक सिद्धार्थ नियोगी ने कहा कि राज्य सरकार पूरे हालात पर नजर रख रही है। लोगों को और अधिक जागरूक होने की जरूरत है।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में बारिश शुरू होते ही डेंगू का संक्रमण विकराल रूप लेता जा रहा है। एक दिन पहले मंगलवार को पता चला था कि डेंगू से गत शुक्रवार को एक बच्ची की मौत हुई थी जो इस सीजन राज्य में पहली मौत थी लेकिन बुधवार को पता चला है कि वह पहली नहीं बल्कि छठी मौत थी। राज्य में अब तक डेंगू से छह लोगों की मौत हो चुकी है। हैरानी यह है कि राज्य स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू संक्रमण के मामले में चुप्पी साध रखी है और मौतों के बारे में मीडिया को कोई जानकारी नहीं दी जा रही।
गत 22 जुलाई शनिवार को एक 10 साल की बच्ची की मौत के बाद उसके मृत्यु प्रमाण पत्र पर डेंगू का उल्लेख होने के बाद जब मीडिया में खबर आई तब राज्य के स्वास्थ्य निदेशक सिद्धार्थ नियोगी ने कहा कि राज्य सरकार पूरे हालात पर नजर रख रही है। लोगों को और अधिक जागरूक होने की जरूरत है। हालांकि उन्होंने इस सवाल का कोई जवाब नहीं दिया कि डेंगू से होने वाली मौत के आंकड़े क्यों नहीं जारी किए जा रहे।
राज्य स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने बुधवार को बताया कि शनिवार को बच्ची की मौत से पहले शुक्रवार 21 जुलाई को डेंगी से तीन लोगों की मौत पहले ही हो चुकी थी। उसके दो दिन पहले फूल बागान के बीसी रॉय शिशु अस्पताल में एक नवजात बच्चे की मौत डेंगू की वजह से हुई थी जबकि डेढ़ हफ्ते पहले भी बारासात की एक किशोरी की मौत आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में डेंगू की वजह से हो गई थी।
स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने बताया कि फिलहाल पूरे राज्य में करीब ढाई हजार मरीजों में डेंगू संक्रमण की पुष्टि हुई है। जिन लोगों की डेंगू से अब तक मौत हो चुकी है उनमें पिकनिक गार्डन की रहने वाली 10 साल की बच्ची पल्लवी दे, नदिया के राणाघाट की रहने वाली 45 साल की उमा सरकार और ताहिर पुर के 66 साल के हरिपद मिस्त्री शामिल है। इसी तरह से दमदम के बांगुर एवेन्यू की 30 साल की रिंकी राय और बारासात की किशोरी 13 साल की शायनिका हालदार की मौत डेंगी की वजह से हुई है।